भारत की नई शिक्षा नीति
भारत की नई शिक्षा नीति से एजुकेशन सिस्टम में क्या बदलाव होगा और इस बदलाव से आपके बच्चे या भारत के भविष्य पर क्या असर होगा इसके बारे में भी हम आपको जानकारी देंगे , अगर आप एक गार्जियन है आपके बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं तो आपके लिए National Education Policy (NEP) के बारे में जानकारी रखना काफी ज्यादा महत्वपूर्ण है ।
एजुकेशन पॉलिसी 2023
भारत में पहले की शिक्षा नीति में बहुत समय से कोई भी बदलाव नहीं किया गया था जो जानकारी आप के दादा ने प्राप्त की थी वही जानकारी आपके पिता ने और अभी आप भी वही पढ़ रहे होंगे । भारत के विकास के लिए शिक्षा नीति में परिवर्तन लाना काफी ज्यादा जरूरी था और मोदी सरकार के द्वारा वर्ष 2020 में नई शिक्षा नीति का शुभारंभ किया गया है । इस शिक्षा नीति के तहत बहुत सारे क्षेत्र में छूट और अत्यधिक लाभ देने की कोशिश की गई है जिससे छात्रों पर पढ़ाई का बोझ कम होगा छात्र रट्टा मार पढ़ाई ना करके कुछ सीखने योग्य पढ़ाई करेंगे और भारत के विकास में अहम भूमिका निभाएंगे ।
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी क्या है ?
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के तहत स्कूलों तथा कॉलेजों में होने वाली शिक्षा की नीति तैयार की जाती है और भारत सरकार के द्वारा New National Education Policy 2023 का शुभारंभ कर दिया गया है । सरकार के द्वारा New National Education Policy (NEP) में बहुत सारे अहम बदलाव किए गए हैं । नई एजुकेशन पॉलिसी में बदलाव करने का प्रमुख कारण भारत को वैश्विक नजर में महाशक्ति बनाना है ।
भारत की नई शिक्षा नीति के तहत 2030 तक स्कूली शिक्षा में 100% GIR के साथ पूर्व विद्यालय से माध्यमिक विद्यालय तक शिक्षा का सर्वभौमिकरण किया जाएगा ( Medical and law study is not included) , नई शिक्षा नीति के आने से पहले 10+2 पैटर्न फॉलो किया जाता था परंतु इस नई शिक्षा नीति (NEP) के आ जाने से 5+3+3+4 के पैटर्न को फॉलो किया जाएगा , आगे हम आपको इस पैटर्न के बारे में विस्तार में बताएंगे ।
वैसे आपको एक और बात बता दे जब भाजपा सरकार का गठन 2014 में हुआ था तो उनकी घोषणा पत्र में New Education Policy लाने की बात भी बताई गई थी जो आज साकार की जा रही है।
National Education Policy 2023 (NEP 2023 ) का मुख्य उद्देश्य भारत में अब तक जो शिक्षा प्रदान की जा रही है उस में क्रांतिकारी बदलाव लाना साथ ही भारत के शिक्षा को वैश्विक स्तर पर खड़ा करना है । जैसे हमारे भारत का इतिहास है कि पूरी दुनिया भारत से हमेशा सीखते आ रही हैं वैसे ही भारत को ज्ञान के क्षेत्र में महाशक्ति बनाना भी New Education Policy 2023 , NEP 2023 का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य है ।
National Education Policy के माध्यम से शिक्षा का सर्वभौमिकरण किया जाएगा साथ ही National Education Policy 2023 के तहत सरकार के माध्यम से पुरानी एजुकेशन पॉलिसी में बहुत सारे संशोधन किए गए और कुछ नई सुविधा को भी जोड़ा गया है ।
भारत की नई शिक्षा नीति से शिक्षा में गुणवत्ता के साथ सुधार भी आएंगे जिससे बच्चों को अच्छी शिक्षा प्राप्त हो पाएगी ।
National Education Policy 2023 ,NEP की विशेषताएं
- ➡️ भारत की नई शिक्षा नीति के आ जाने से मानव संसाधन प्रबंधन मंत्रालय को अब शिक्षा मंत्रालय के नाम से जाना जाएगा ।
- ➡️ New Education Policy 2023 के अंतर्गत शिक्षा का सार्वभौमीकरण किया जाएगा जिसके तहत Medical और Law की पढ़ाई को शामिल नहीं की गई है ।
- ➡️ भारत में पहले की शिक्षा नीति के तहत 10+2 पैटर्न को फॉलो किया जाता था परंतु अब इस नई एजुकेशन पॉलिसी के अंतर्गत 5+3+3+4 के पैटर्न को फॉलो किया जाएगा जिसके तहत 12 साल की स्कूली शिक्षा दी जाएगी साथ ही 3 साल की प्री स्कूली शिक्षा को भी शामिल किया गया है ।
- ➡️ भारत की नई शिक्षा नीति के तहत स्टूडेंट को एक बड़ी राहत छठी कक्षा में मिलेगी क्योंकि छठी कक्षा से व्यवसायिक प्रशिक्षण , इंटर्नशिप को भी आरंभ कर दिया जाएगा ।
- ➡️ पांचवी कक्षा तक शिक्षा मात्रिभाषा या फिर क्षेत्रीय भाषा में शिक्षा प्रदान की जाएगी :- यानी पांचवी कक्षा तक छात्र अपनी भाषा में ही पढ़ाई कर सकते हैं ।
- ➡️ पहले जैसे साइंस , आर्ट्स तथा कॉमर्स के स्ट्रीम हुआ करते थे उसके तहत छात्रों को एक निश्चित विषय की पढ़ाई करनी होती थी लेकिन अब ऐसी व्यवस्था को खत्म कर दिया गया है ।
उदाहरण से समझते हैं :- यदि कोई छात्र फिजिक्स का चयन करता है तो वह चाहे तो साथ में अकाउंट या आर्ट्स के भी सब्जेक्ट की पढ़ाई नई शिक्षा नीति के तहत कर सकता है । - ➡️ छात्रों को छठी कक्षा से ही कंप्यूटर और एप्लीकेशन के बारे में जानकारी दी जाएगी साथ ही उन्हें कोडिंग ही सिखाई जाएगी ।
- ➡️ सभी स्कूलों को डिजिटल किया जाएगा
- ➡️ सभी प्रकार के कंटेंट को क्षेत्रीय भाषा में ट्रांसलेट भी किया जाएगा ।
- ➡️ New Education Policy 2023 के तहत वर्चुअल लैब भी डेवलप किए जाएंगे
भारत की नई शिक्षा नीति के लाभ
- ➡️ भारत में इस नई शिक्षा नीति को लागू करने का सबसे बड़ा उद्देश्य भारत के छात्रों को सक्षम बनाना है ।
- ➡️ New National Education Policy 2023 को लागू करने के लिए GDP का 6% हिस्सा केंद्र सरकार के द्वारा खर्च किया जाएगा ।
- ➡️ पढ़ाई में संस्कृत और भारत की जो प्राचीन भाषा है उनको अहम भूमिका दी जाएगी संस्कृत को IIT के क्षेत्र में भी आगे ले जाया जाएगा साथ ही जो छात्र चाहे संस्कृत भाषा में ही अन्य सब्जेक्ट की पढ़ाई कर सकते हैं ।
- ➡️ बोर्ड परीक्षा को भी बहुत आसान कर दिया जाएगा पहले जो छात्र सोचते थे कि बोर्ड परीक्षा के समय में ही केवल बोर्ड की तैयारी दो-तीन महीने में पढ़ कर कर ली जाए इस व्यवस्था को खत्म कर दी जाएगी अब छात्रों को साल भर पढ़ाई करनी होगी और बोर्ड परीक्षा दो चरणों में ली जा सकेगी ।
- ➡️ पढ़ाई को आसान बनाने साथ ही छात्रों को समझ में आने योग्य बनाने के लिए पढ़ाई क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सॉफ्टवेयर का भी इस्तेमाल किया जाएगा दूसरे देश की तर्ज पर अब भारत में भी Artifical Intelligence का प्रयोग कर पढ़ाया जाएगा ।
- ➡️ हायर एजुकेशन लेवल पर एमफिल डिग्री को खत्म किया जा रहा है ।
- ➡️ नई शिक्षा नीति के तहत एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज को मेन सिलेबस में रखा गया है ।
- ➡️ New Education Policy 2023 के तहत छात्रों को 3 भाषा सिखाई जाएंगे जो राज्य को अपने स्तर पर निर्धारित करना होगा ।
- ➡️ नई शिक्षा नीति 2023 के तहत राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद द्वारा स्कूली शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठ्यक्रम रूपरेखा तैयार की जाएगी ।
- ➡️ भारत में नई शिक्षा नीति को निचले स्तर पर कार्य में लाने के लिए बहुत सारे संस्थान स्थापित किए जाएंगे जिससे New Education Policy (NEP) को सुचारू रूप से चलने में मदद मिल सकेगी ।
- ➡️ इस नई शिक्षा नीति के आ जाने से बच्चों को कौशलपूर्ण बनाने पर ज्यादा ध्यान दिया जाएगा , साथ ही उन्हें पढ़ाई भी विशेष रूप से कराई जाएगी ।
- ➡️ भारत की नई शिक्षा नीति के आ जाने से स्टूडेंट के ऊपर से पढ़ाई का बोझ कम होगा और उन्हें सीखने के क्षेत्र में काफी उन्नति प्रदान होगी । यानी अब विद्यार्थी रट्टा मार की जगह कौशलपूर्ण और योग्य बनेंगे ।
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी काम कैसे करेगी ?
भारत की नई शिक्षा नीति विशेष रूप से चार चरणों में काम करेगी , 5+3+3+4 के पैटर्न को प्रयोग में लेकर स्टूडेंट की शिक्षा को आगे बढ़ाया जाएगा । इस नए पैटर्न के तहत 12 साल की स्कूली शिक्षा तथा 3 साल प्री स्कूली शिक्षा शामिल है । New Education Policy 2023 को सरकारी तथा प्राइवेट स्कूल दोनों संस्थाओं के द्वारा फॉलो किया जाएगा ।
- 1 फाउंडेशन स्टेज :- फाउंडेशन स्टेज में 3 से 8 साल के बच्चे शामिल किए गए हैं , इस स्टेज में 3 साल की अपनी स्कूली शिक्षा तथा 2 साल प्री स्कूली शिक्षा जिसमें कक्षा 1 तथा दो शामिल है । फाउंडेशन स्टेज में छात्रों को भाषा कौशल और शिक्षण के विकास के बारे में सिखाया जाएगा और इस पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा ।
- 2. प्रीप्रेटरी स्टेज :- प्रीप्रेटरी स्टेज के तहत 8 से लेकर 11 साल के बच्चे को शामिल किया गया है , प्रीप्रेटरी स्टेज के तहत कक्षा 3 से कक्षा पांच के बच्चे शामिल होंगे और इस स्टेज में बच्चों की भाषा और संख्यात्मक कौशल के विकास करण शिक्षकों का उद्देश्य रहेगा । प्रीप्रेटरी स्टेज तक बच्चों को क्षेत्रीय भाषा में पढ़ाया जाएगा ।
- 3. मिडिल स्टेज :- मिडिल स्टेज के अंतर्गत कक्षा 6 से कक्षा 8 के बच्चे शामिल होंगे , मिडिल स्टेज के तहत कक्षा 6 के बच्चों को कोडिंग सिखाया जाएगा साथ ही उन्हें व्यावसायिक प्रशिक्षण और इंटर्नशिप भी प्रदान की जाएगी ।
4. सेकेंडरी स्टेज :- सेकेंडरी स्टेज के तहत कक्षा 9 से कक्षा 12 तक के बच्चों को शामिल किया गया है , सेकेंडरी स्टेज के तहत जैसे बच्चे पहले साइंस, कॉमर्स तथा आर्ट्स लेते थे इस सुविधा को खत्म कर दी गई है , सेकेंडरी स्टेज के तहत बच्चे अपने पसंद की सब्जेक्ट ले सकेंगे और आगे की पढ़ाई कर सकेंगे ।
उदाहरण से समझे : यदि बच्चा साइंस के साथ कॉमर्स या फिर कॉमर्स के साथ आर्ट्स की पढ़ाई करना चाहता है तो इसकी भी अनुमति होगी ।
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2023 स्ट्रीम्स |
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2023 के तहत छात्रों को सबसे बड़ी छूट स्ट्रीम को चयन करने में दिया गया है छात्र अगर चाहे तो साइंस स्ट्रीम का चयन कर आर्ट्स स्ट्रीम की भी पढ़ाई कर सकते हैं और आर्ट्स स्ट्रीम का चयन कर साइंस स्ट्रीम की भी पढ़ाई कर सकते हैं । नई शिक्षा नीति 2023 के तहत स्ट्रीम चुनने की प्रक्रिया को खत्म कर दी गई है । नई शिक्षा नीति के तहत प्रत्येक विषय को अतिरिक्त पाठ्यक्रम ना मान के पाठ्यक्रम के रूप में देखा जाएगा नई शिक्षा नीति के तहत खेल,नृत्य, मूर्ति कला ,संगीत इत्यादि को भी शामिल किया गया है ।
नई शिक्षा नीति 2023 के तहत एनसीईआरटी पाठ्यक्रम को राष्ट्रीय पाठ्यक्रम की रूपरेखा के अनुसार तैयार करेगी साथ ही शारीरिक शिक्षा को भी पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा , वोकेशनल तथा एकेडमिक स्ट्रीम को अलग नहीं किया जाएगा जिसके परिणाम स्वरूप छात्रों में दोनों क्षमताओं की विकास होने का अवसर प्रदान होगा ।
B.ed अब 4 साल का
नई शिक्षा नीति 2023 के तहत B.ed को अब 4 साल का कर दिया गया है । 2030 के अंत तक शिक्षक की न्यूनतम योग्यता 4 साल की B.ed प्रोग्राम की होगी साथ ही सभी स्टैंडअलोन शिक्षण संस्था जो निर्धारित मानकों का पालन नहीं करेंगे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी ।
वोकेशनल स्टडीज पर फोकस करने की व्यवस्था
नई शिक्षा नीति के तहत वोकेशनल स्टडीज पर भी फोकस किया जाएगा अभी की स्थिति की बात की जाए तो हमारे देश में वोकेशनल स्टडीज सीखने वाले छात्रों की संख्या 5% से भी कम है । नई शिक्षा नीति के अंतर्गत कक्षा छठी से कक्षा आठवीं तक के छात्रों को वोकेशनल स्टडीज सिखाने पर फोकस किया जाएगा ।
वोकेशनल स्टडीज में बागवानी ,लकड़ी का काम, मिट्टी के बर्तन, बिजली का काम इत्यादि से संबंधित जानकारी छात्रों को दी जाएगी । भारत की नई शिक्षा नीति के अंतर्गत 2025 तक कम से कम 50% छात्रों को वोकेशनल स्टडीज पढ़ने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है ।
मातृभाषा तथा क्षेत्रीय भाषा में शिक्षा की व्यवस्था
जैसा कि हमने आपको पहले भी बताया था नई शिक्षा नीति के तहत पांचवी तक के छात्रों को मात्रिभाषा या क्षेत्रीय भाषा में पढ़ाने की व्यवस्था नई शिक्षा नीति के तहत की गई हैं । और यह सही भी रहेगा क्योंकि अगर छात्रों को उनकी मातृभाषा या क्षेत्रीय भाषा में पढ़ाया जाए तो वह बात को काफी आसानी से समझ पाएंगे । इसी बात को ध्यान रखते हुए National Education Policy 2023 के अंतर्गत पांचवी कक्षा तक के बच्चों को उनकी मातृभाषा या फिर क्षेत्रीय भाषा में शिक्षा प्रदान करने की अनुमति दी गई है ।
साथ ही क्षेत्रीय भाषा या मातृभाषा में पुस्तक भी उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाएगा यहां तक कि अगर पुस्तक मातृभाषा या क्षेत्रीय भाषा में उपलब्ध नहीं है तो शिक्षक और छात्र के बीच बातचीत का माध्यम क्षेत्रीय भाषा ही रहेगा । साथ ही कक्षा 1 से 2 के बच्चों को दो से 3 भाषाएं सिखाई जाएंगी।
नई शिक्षा नीति के तहत शिक्षकों की भर्ती
National Education Policy 2023 के अंतर्गत यदि दी गई भाषाओं को बोलने वाले शिक्षकों की कमी पाई जाती है तो ऐसी स्थिति में विशेष तौर पर प्रयास किए जाएंगे की दी गई भाषा बोलने वाले शिक्षक की भर्ती हो । अगर शिक्षकों की कमी पाई जाती है तो रिटायर हुए शिक्षकों को दोबारा से बुलाया जा सकता है ।
विदेशी भाषा सिखाने पर जोर
नई शिक्षा नीति के तहत माध्यमिक विद्यालय के बच्चों को एक विशेष छूट देते हुए अपनी पसंदीदा भाषा सीखने का भी अवसर दिया जाएगा । यानी माध्यमिक विद्यालय के बच्चे अगर चाहे तो अपने पसंदीदा भाषा सीख सकते हैं , जिनमें फ्रेंच, जर्मन,NEP, स्पेनिश ,चाइनीस ,जैपनीज इत्यादि जैसी भाषाओं को शामिल किया गया है । इन सभी प्रयासों से भारत की शिक्षा नीति वैश्विक तौर पर उभर कर आएगी साथ ही भारत का जो पुराना इतिहास था वह फिर से दोहराया जा सकेगा ।
Q 1. राष्ट्रीय शिक्षा नीति में बताए गए सुविधा और बदलाव कैसे लागू किए जाएंगे ?
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) में अभी शिक्षा सुधारों के सुझाव को ही मंजूरी दी गई हैं इसे लागू नहीं किया गया है । इस सुधारों का क्रियान्वयन होना अभी बाकी है और यह जरूरी नहीं है कि इस नई शिक्षा नीति में सभी सुझावों को मंजूरी मिल जाए क्योंकि शिक्षा एक समवर्ती विषय है जिस पर केंद्र और राज्य सरकार दोनों का हक है केंद्र और राज्य सरकार दोनों की अनुमति से ही शिक्षा नीति के सभी सुझावों को लागू किया जा सकता
Q 2. नई शिक्षा नीति कब से लागू होगी ?
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2023 अभी इतनी जल्दी लागू होने वाली नहीं है सरकार ने खुद राष्ट्रीय शिक्षा नीति के सुझावों को पूरी तरह से लागू करने के लिए 2040 तक का टारगेट रखा है । हालांकि नई शिक्षा नीति के तहत कुछ महत्वपूर्ण सुझाव आने वाले दो-तीन सालों में लागू हो सकते हैं । वैसे राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2023 के फाइनल ड्राफ्ट में कहा गया है कि 2040 तक भारत के लिए एक ऐसी शिक्षा प्रणाली का लक्ष्य होना चाहिए जहां किसी भी सामाजिक और आर्थिक समवर्ती भूमि से संबंध रखने वाले शिक्षार्थियों को समान रूप से सर्वोच्च गुणवत्ता की शिक्षा उपलब्ध हो । शिक्षा नीति को लागू करने के लिए फंड अहम है और सरकार से मिली जानकारी से भारत के जीडीपी का 6% नई शिक्षा नीति को लागू करने पर खर्च किया जाएगा । एक और बात 1968 में बनी पहली शिक्षा नीति फंड के अभाव के कारण पूरी तरह से लागू नहीं हो पाई थी ।,NEP,NEP
Q 3. नई शिक्षा नीति के तहत बोर्ड की परीक्षा होगी या नहीं ?
हालांकि इस नई शिक्षा नीति के तहत 10वीं और 12वीं कक्षा की बोर्ड की परीक्षा तो होगी लेकिन इसमें बड़े बदलाव किए गए हैं बोर्ड की परीक्षाओं की महत्व को कम किया जाएगा । साल में दो बार बोर्ड परीक्षा होगी लेकिन इस नई शिक्षा नीति के तहत विद्यार्थियों पर बोर्ड परीक्षा का दबाव कम होगा । विद्यार्थियों को रटने की प्रवृत्ति को कम करने के लिए विषय में कांसेप्ट और ज्ञान के महत्व को बढ़ावा दिया जाएगा और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रयोग करते हुए पढ़ाई को आसान और समझने योग्य बनाया जाएगा ।
Q 4. जो बच्चे अभी नर्सरी में है उनका क्या करना है ?
समझिए , अभी सिर्फ नई शिक्षा नीति के ऊपर विचार और विमर्श चल रहा है नई शिक्षा नीति को अभी लागू नहीं की गई है । अतः अभिभावकों को को 5+3+3+4 फार्मूला समझने की फिलहाल जरूरत नहीं है , यह फार्मूला का प्रयोग नई शिक्षा नीति का प्रयोग क्रियान्वयन के बाद ही हो पाएगा , तो अभी जैसा चल रहा है वैसा चलने दे । लेकिन जब नई शिक्षा नीति लागू हो जाएगी तब Play School के शुरुआती साल भी अब स्कूली शिक्षा से जुड़ेंगे जो की नई शिक्षा नीति का एक अहम बदलाव है ।
Q 5. जो अगले साल कॉलेज जाएंगे उनका क्या होगा ?
न्यू एजुकेशन पॉलिसी ( NEP ) के तहत उच्च शिक्षा में कई अहम बदलाव किए गए हैं लेकिन यह बदलाव भारत में कब से लागू होगा इसके ऊपर केंद्र सरकार या राज्य सरकार के द्वारा कोई भी जानकारी नहीं दी गई है । 12वीं के बाद अभी जो विद्यार्थी कॉलेज जाएंगे ऐसे में संभव है विद्यार्थी पुराने सिलेबस यानी स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम के हिसाब से ही दाखिला ले पाएंगे ।
वैसे तो नई शिक्षा नीति ( NEP ) के हिसाब से अब ग्रेजुएशन में छात्र 4 साल का कोर्स पढ़ेंगे जिसमें बीच में कोर्स छोड़ने की गुंजाइश भी दी गई है छात्र अगर कोर्स बीच में छोड़ देते हैं तो उन्हें ड्रॉपआउट घोषित नहीं किया जाएगा बल्कि उन्हें एक सर्टिफिकेट दिया जाएगा जिससे यह प्रमाणित होगा कि छात्र ने पहले वर्ष तक पढ़ाई की है अगर भविष्य में छात्र जब चाहे अगले वर्ष की पढ़ाई कर सकता है ।
✔️ राष्ट्रीय शिक्षा नीति में बताए गए सुविधा और बदलाव कैसे लागू किए जाएंगे ?
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) में अभी शिक्षा सुधारों के सुझाव को ही मंजूरी दी गई हैं इसे लागू नहीं किया गया है । इस सुधारों का क्रियान्वयन होना अभी बाकी है और यह जरूरी नहीं है कि इस नई शिक्षा नीति में सभी सुझावों को मंजूरी मिल जाए क्योंकि शिक्षा एक समवर्ती विषय है जिस पर केंद्र और राज्य सरकार दोनों का हक है केंद्र और राज्य सरकार दोनों की अनुमति से ही शिक्षा नीति के सभी सुझावों को लागू किया जा सकता है । नई शिक्षा नीति के सभी सुझावों और बदलावों को लागू करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार का आपस में सहयोग होना अनिवार्य है ।
✔️ नई शिक्षा नीति कब से लागू होगी ?
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 अभी इतनी जल्दी लागू होने वाली नहीं है सरकार ने खुद राष्ट्रीय शिक्षा नीति के सुझावों को पूरी तरह से लागू करने के लिए 2040 तक का टारगेट रखा है । हालांकि नई शिक्षा नीति के तहत कुछ महत्वपूर्ण सुझाव आने वाले दो-तीन सालों में लागू हो सकते हैं । वैसे राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के फाइनल ड्राफ्ट में कहा गया है कि 2040 तक भारत के लिए एक ऐसी शिक्षा प्रणाली का लक्ष्य होना चाहिए जहां किसी भी सामाजिक और आर्थिक समवर्ती भूमि से संबंध रखने वाले शिक्षार्थियों को समान रूप से सर्वोच्च गुणवत्ता की शिक्षा उपलब्ध हो । शिक्षा नीति को लागू करने के लिए फंड अहम है और सरकार से मिली जानकारी से भारत के जीडीपी का 6% नई शिक्षा नीति को लागू करने पर खर्च किया जाएगा । एक और बात 1968 में बनी पहली शिक्षा नीति फंड के अभाव के कारण पूरी तरह से लागू नहीं हो पाई थी ।
✔️ नई शिक्षा नीति के तहत बोर्ड की परीक्षा होगी या नहीं ?
हालांकि इस नई शिक्षा नीति के तहत 10वीं और 12वीं कक्षा की बोर्ड की परीक्षा तो होगी लेकिन इसमें बड़े बदलाव किए गए हैं बोर्ड की परीक्षाओं की महत्व को कम किया जाएगा । साल में दो बार बोर्ड परीक्षा होगी लेकिन इस नई शिक्षा नीति के तहत विद्यार्थियों पर बोर्ड परीक्षा का दबाव कम होगा । विद्यार्थियों को रटने की प्रवृत्ति को कम करने के लिए विषय में कांसेप्ट और ज्ञान के महत्व को बढ़ावा दिया जाएगा और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रयोग करते हुए पढ़ाई को आसान और समझने योग्य बनाया जाएगा ।
✔️ जो बच्चे अभी नर्सरी में है उनका क्या करना है ?
समझिए , अभी सिर्फ नई शिक्षा नीति के ऊपर विचार और विमर्श चल रहा है नई शिक्षा नीति को अभी लागू नहीं की गई है । अतः अभिभावकों को को 5+3+3+4 फार्मूला समझने की फिलहाल जरूरत नहीं है , यह फार्मूला का प्रयोग नई शिक्षा नीति ( NEP ) का प्रयोग क्रियान्वयन के बाद ही हो पाएगा , तो अभी जैसा चल रहा है वैसा चलने दे । लेकिन जब नई शिक्षा नीति लागू हो जाएगी तब Play School के शुरुआती साल भी अब स्कूली शिक्षा से जुड़ेंगे जो की नई शिक्षा नीति का एक अहम बदलाव है ।
✔️ जो अगले साल कॉलेज जाएंगे उनका क्या होगा ?
न्यू एजुकेशन पॉलिसी ( NEP ) के तहत उच्च शिक्षा में कई अहम बदलाव किए गए हैं लेकिन यह बदलाव भारत में कब से लागू होगा इसके ऊपर केंद्र सरकार या राज्य सरकार के द्वारा कोई भी जानकारी नहीं दी गई है । 12वीं के बाद अभी जो विद्यार्थी कॉलेज जाएंगे ऐसे में संभव है विद्यार्थी पुराने सिलेबस यानी स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम के हिसाब से ही दाखिला ले पाएंगे ।
वैसे तो नई शिक्षा नीति ( NEP ) के हिसाब से अब ग्रेजुएशन में छात्र 4 साल का कोर्स पढ़ेंगे जिसमें बीच में कोर्स छोड़ने की गुंजाइश भी दी गई है छात्र अगर कोर्स बीच में छोड़ देते हैं तो उन्हें ड्रॉपआउट घोषित नहीं किया जाएगा।
कुल मिलाकर विषय विशेषज्ञों ने यह नई शिक्षा नीति एक लंबे अरसे बाद तैयार की है अब मैकाले की शिक्षा पद्धति को हटाकर विशुद्ध भारतीय शिक्षा नीति को लागू किया जा रहा है जो वास्तव में हर भारतीय के लिए गर्व का विषय होना चाहिए। और इसके लिए मौजूदा सरकार धन्यवाद और प्रशंसा की पात्र है ।