भिंड
ग्राम जामपुरा में श्री रामलीला का हुआ भव्य समापन
जय श्री राम से गूंजा पूरा गांव,हजारों भक्तों का उमड़ा जनसैलाब
भिण्ड ।
भिंड के ग्राम जामपुरा में रामलीला का समापन हुआ। राम लीला कला मंच से अहिरावण वध,रावण वध,भरत मिलन और भगवान श्रीराम के राज्याभिषेक का सुंदर दृश्य प्रस्तुत किए गये। 14 वर्ष का वनवास पूर्ण कर मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के वापिस अयोध्या पहुंचने पर खुशियां मनाई गई,जिसे देखने के लिए दूर दराज से हजारों की संख्या में ग्रामीणजन 11 दिवस तक पूरी रामलीला के मंचन का आनंद लेने पहुंचते रहे।
62 बर्ष पूर्व संसाधनो की कमी के बीच शुरू हुआ था रामलीला का मंचन
वर्ष 1962 में प्रारंभ हुई रामलीला को इस साल 62 वर्ष पूर्ण हो गए है। जिस समय रामलीला की शुरुआत हुई थी,उस दौर में न तो ठीक से बिजली की व्यवस्था थी और न ही आज की तरह आधुनिक म्यूजिक सिस्टम थे,बिजली नहीं होने की स्थिति मे गैस व लालटेन के उजाले से रामलीला का मंचन किया जाता था। मंडली की ओर से इसकी व्यवस्था तो की ही जाती थी,दर्शक भी अपने-अपने घर से लालटेन व टार्च लेकर आते थे। स्टेज शो के लिए जलती हुई गैस को टीन के अंदर रखा जाता था। उसका एक हिस्सा कटा होता था,जिसमें अलग-अलग कलर की पन्नाी लगा देते थे,ताकि कलरफुल लाइटों का फोकस स्टेज पर पहुंच सके। पर्दे तो पहले भी मिल जाते थे। हां,आज जैसे सस्ते व चमक-दमक वाले नहीं होते थे। एक पर्दे को कई साल तक चलाना पड़ता था। उसी दरमियान समीपस्थ ग्राम जामपुरा में भी रामलीला हुआ करती थी ऐसे में कलाकार वेषभूषा का आदान-प्रदान करके अपने पात्र निभाया करते थे। साथ ही शहर और गांव में बनने वाली झाकियों से भी पोशाक मांगकर रामलीला का मंचन होता था।
रामलीला में अभिनय करने वाले सभी पात्रों के अभिनय को दर्शकों द्वारा खूब सराहाया गया।
इस बर्ष के समापन के उपरांत ग्राम पंचायत जामपुरा सरपंच उदयराज सिंह भदौरिया ने आदर्श कला मंडल ग्राम जामपुरा,जिला भिण्ड के सभी पात्रों को भगवान श्री राम की तस्वीर प्रदान कर सम्मानित किया।