आजकल लाइमलाइट में रहने वाले और न्यूज़ चैनलों पर अच्छी खासी सुर्खियां बटोरने वाले बागेश्वर धाम के महंत श्री धीरेंद्र शास्त्री के शिष्य मंडल द्वारा दिल्ली में एक धर्म संसद का आयोजन किया गया इस धर्म संसद मेंं बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे इन लोगों के अलावा कुछ साधु महात्मा भी इस धर्मसंसद में पहुंचे। गौरतलब है कि ये साधु महात्मा इस धर्म संसद में किसी प्रकार केेेेेेेेेेेेेेे प्रवचन देने के लिए नहीं पहुंचे बल्कि इनके द्वारा अपनेेेेेेेेे भड़काऊ भाषण द्वारा लोगों की धार्मिक भावनाओंं को उकसाने का खूब प्रयास किया गया, कार्यक्रम का कवरेज करने कई “प्रकार” के मीडिया प्लेटफॉर्म भी उपस्थित थे। चूकि कार्यक्रम बागेश्वर वाले महाराज और धर्म से जुड़ा हुआ था इसलिए दिल्ली पुलिस भी वहां उपस्थित, लेकिन मूकदर्शक बनी रही।
कार्यक्रम का कवरेज कर रहे एक पत्रकार पर दिल्ली पुलिस ने की FIR
कार्यक्रम में एक संत स्वामी हरि सिंह भी उपस्थित थे उनके द्वारा वहाँ मौजूद पत्रकारों के समक्ष खूब भड़काऊ बयानबाजी की गई और इतनी की गई कि धार्मिक दंगा होने की आशंका थी लेकिन फिर भी वहां मौजूद दिल्ली पुलिस मूकदर्शक बनी रही और किसी प्रकार का कोई एक्शन दिल्ली पुलिस के द्वारा नहीं लिया गया बजाय इसकी कि वहां भड़काऊ बयान दे रहे साधु संतों एवं तमाम लोगों को दिल्ली पुलिस ऐसा करने से रोकती जिससे निश्चित रूप से धार्मिक सद्भावना बिगड़ने की आशंका थी लेकिन बजाय इसके कि दिल्ली पुलिस ऐसे लोगों के खिलाफ कोई कार्यवाही करती वहां मौजूद पत्रकार नीरज झा जो इस पूरे कार्यक्रम को कवर कर रहे थे उन सहित लगभग 8 लोगों पर f.i.r. कर दी गई।
अब नीरज झा द्वारा उनके मीडिया प्लेटफॉर्म पर क्या दिखाया गया जरा इसको भी देखते हैं👇👇👇👇
सौजन्य से – मॉलिटिक्स
भड़काऊ बयान देने वाले को छोड़कर पत्रकार पर FIR
इस पूरे मामले में रोचक तथ्य यह है कि दिल्ली के जंतर मंतर पर आयोजित धर्म संसद में भड़काऊ बयानबाजी हुई है और यदि इस आयोजन के लिए परमिशन ली गई है तो निश्चित रूप से शासन प्रशासन के संज्ञान में यह पूरा मामला है और यदि नहीं ले गई है तो जैसे ही आयोजकों ने वहां अपना तंबू लगाया तो दिल्ली पुलिस एक्शन में क्यों नहीं आई और इस पूरे एपिसोड में दिल्ली पुलिस के द्वारा कार्यक्रम को कवरेज कर रहे पत्रकार पर एफ आई आर की गई लेकिन जिसने यह भड़काऊ बयान दिया है उस पर अभी तक कोई एक्शन नहीं लिया गया। अरे वही यदि भड़काऊ बयान दिखाने पर पुलिस के द्वारा कार्यवाही की गई है तो भड़काऊ बयान देने वालों पर पुलिस की मेहरबानी क्यों ? यह सोचने का विषय है यह निश्चित रूप से दिल्ली पुलिस की पूरी भूमिका और कार्यशैली पर एक सवालिया निशान लगाता है।
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दिल्ली पुलिस द्वारा संबंधित पत्रकार को दिया गया नोटिस
कुल मिलाकर पूरा मामला बहुत ही संजीदा है और सरकार को इस मामले पर हस्तक्षेप करके संबंधित भड़काऊ बयानबाजी देने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए और ऐसी घटनाएं दोबारा ना हो इसके लिए कड़े कदम उठाने जाने चाहिए। यदि ऐसा ना हुआ तो हर गली मोहल्ले और चौराहों पर धर्म के नाम पर भोली भाली जनता को बरगलाने का प्रयास किया जाएगा। जिससे निश्चित रूप से भारत की एकता एवं सद्भाव, एवं समरसता को खतरा रहेगा।
राहुल तिवारी
एडिटर इन चीफ आपकी आवाज
