आपकी आवाज के संपादक राहुल तिवारी की कलम से
कन्याकुमारी से शुरू हुई भारत जोड़ो यात्रा का कश्मीर में हुआ समापन
राहुल की भारत जोड़ो यात्रा के समापन पर बीजेपी का पलटवार
राहुल गांधी ने श्रीनगर के लाल चौक पर फहराया तिरंगा
सितंबर को भारत के कन्याकुमारी से शुरू हुई कांग्रेस पार्टी की भारत जोड़ो यात्रा का कल रविवार को श्रीनगर के लाल चौक पर तिरंगा फहराने के साथ समापन हुआ यात्रा के समापन पर राहुल गांधी ने प्रेस वार्ता की और प्रेस वार्ता में संक्षिप्त में अपनी यात्रा के अनुभव साझा किए प्रेस वार्ता में राहुल गांधी ने भारत के गृहमंत्री अमित शाह को चैलेंज तक दे डाला और कहा कि अमित शाह भी मेरी तरह कन्याकुमारी से कश्मीर तक यात्रा करें वैसे तो राहुल गांधी की यह भारत जोड़ो यात्रा शुरू से ही विवादों के घेरे में रही है, राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इस यात्रा के जरिए राहुल गांधी अपनी राजनीतिक छवि को सुधारने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन दुर्भाग्य से यात्रा के संयोजक मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्री दिग्विजय सिंह जिन्हें लोग दिग्गी राजा के नाम से सुशोभित करते हैं स्वयं ही हमेशा विवादों के घेरे में रहे हैं तो फिर राहुल गांधी की यह यात्रा विवादों से बची रहती कैसे संभव हो सकता था।
परिवारवाद का दंश झेलती कांग्रेस पार्टी
खैर कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष जिन्हें भारतीय जनता पार्टी ने उंगली कर करके राष्ट्रीय अध्यक्ष की कुर्सी भी उनसे छीन ली कारण परिवारवाद था भारतीय जनता पार्टी हमेशा से ही इस चीज के लिए आक्रमक रही है कि कांग्रेस पार्टी एक परिवारवाद वाली पार्टी है और गांधी परिवार जन्म से लेकर वर्तमान समय तक पार्टी में रूढ़ है और बीजेपी के परिवारवाद के इसी मुद्दे को खत्म करने के लिए कांग्रेस पार्टी ने मल्लिकार्जुन खड़गे को कांग्रेस पार्टी का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया और भले ही उसके लिए पार्टी में राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के नौटंकी भी करी गई लेकिन पार्टी में बेचारे खड़गे साहब की क्या भूमिका रहेगी ? और उनका क्या अस्तित्व होगा ? और उनकी कौन सुनने वाला है ? यह सर्वविदित है कि मैडम सोनिया ही सर्वे सर्वा थी और रहेंगी भले ही कांग्रेस पार्टी का बंटाधार हो जाए।
बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कांग्रेस को लिया लपेटे में कहा भारत जोड़ो यात्रा शुरू से ही रही असफल
चलिए पुनः यूटर्न लेते हैं और उसी बिंदु पर आते हैं जहां से हमने बातचीत शुरू की अर्थात भारत जोड़ो यात्रा, राहुल गांधी को प्रमोट करने के लिए आयोजित भारत जोड़ो यात्रा के समापन पर भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने आज प्रेस वार्ता की और भारत जोड़ो यात्रा और भारत जोड़ो यात्रा से संबंधित सभी कांग्रेसी नेताओं को लपेटे में लिया और राजनीतिक भाषा में खूब गरियाया। सुधांशु त्रिवेदी ने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को शुरू से अंत तक असफल घोषित कर दिया, सुधांशु त्रिवेदी ने यहां तक कह दिया कि कांग्रेस ने भारत को कब जोड़ने का काम किया था आजादी से लेकर आज तक कांग्रेस पार्टी और कांग्रेसी सरकार भारत को तोड़ती आ रही है फिर चाहे वह भारत-पाकिस्तान का बंटवारा हो या फिर बांग्लादेश या फिर अक्साई चीन और पाकिस्तान ऑक्यूपाइड कश्मीर की बात हो कांग्रेस पार्टी ने भारत की राष्ट्रीय एकता और अखंडता को हमेशा ही कलंकित करने का कार्य किया है। अब राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा समाप्त हुई तो बीजेपी की ओर से औपचारिक स्टेटमेंट तो आना ही था जिसकी फॉर्मेलिटी सुधांशु त्रिवेदी ने पूरी कर दी।
राहुल गांधी पप्पू थे पप्पू ही रहेंगे ? – बीजेपी
फिलहाल राहुल गांधी को पूर्व में दिया गया टाइटल पप्पू सुर्खियों में कहीं नहीं दिखाई देता है शायद इसी पप्पू वाली इमेज को सुधारने के लिए दिग्विजय सिंह के संयोजन में कांग्रेस ने भारत जोड़ो यात्रा निकाली कुल मिलाकर भारतीय जनता पार्टी के अनुसार राहुल गांधी की भारत यात्रा राहुल गांधी को पप्पू के टाइटल से मुक्त कर आगामी चुनाव के लिए तैयार करना है लेकिन बीजेपी की माने तो राहुल गांधी पप्पू थे और पप्पू ही रहेंगे।
राहुल ने महबूबा को लगाया गले, बीजेपी छठपटाई
राहुल गांधी की भारत यात्रा का क्लाइमैक्स तो तब आया जब यात्रा जम्मू कश्मीर पहुंची और महबूबा मुफ्ती ने जिस कदर उन्हें गले लगाया था सबने देखा होगा और तथाकथित गोदी मीडिया ने तो इसको लेकर प्राइम टाइम तक बना डाला। निश्चित रूप से भारतीय जनता पार्टी के समस्त कार्यकर्ताओं के छाती पर सांप लौट गया होगा और लौटे भी क्यों ना क्योंकि उनके अनुसार राहुल गांधी एक राष्ट्र विरोधी शख्सियत के साथ आलिंगन जो कर रहे थे। और उसके बाद फिल्म का क्लाइमैक्स आया और जब राहुल गांधी ने मंच से पीएम मोदी,अमित शाह और आर एस एस और अमित डोभाल के बारे में जो कुछ कहा उसके बाद बीजेपी कहां चुप रहने वाली थी सो सुधांशु त्रिवेदी ने कर डाली प्रेस वार्ता और राहुल गांधी समेत यात्रा के सभी नेताओं को लिया लपेटे में।
बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने भटकाया मीडिया का ध्यान
फिलहाल भारत जोड़ो यात्रा का समापन जितना भव्य होना चाहिए जितनी चर्चा होना चाहिए नहीं हो पाई क्योंकि पूरा मीडिया बागेश्वर वाले बाबा के तरफ केंद्रित हो गया था। होता है इस पर कांग्रेसी यह भी आरोप लगा सकते हैं कि बाबा जी को महिमामंडित करना बीजेपी की साजिश थी।
कुल मिलाकर राहुल गांधी ने इस यात्रा से बहुत कुछ सीखा होगा और उन्हें सीखना भी चाहिए अगर वे आगे राजनीति में सफल होना चाहते हैं तो। अब तो राहुल गांधी की दाढ़ी भी सफेद हो चली है अब उन्हें अपने पार्टी को बचाने के लिए संजीदा होना ही पड़ेगा, राहुल गांधी को नेता बनाए रखना पार्टी के नेताओं की मजबूरी है क्योंकि पार्टी को गांधी परिवार की जी हुजूरी करने की आदत जो हो चुकी है या फिर उनके पास कोई अन्य योग्य नेता नहीं है तो अब उनके पास राहुल गांधी को योग्य बनाने की तैयारी करने के अलावा दूसरा ऑप्शन भी नहीं है। अब देखना यह होगा कि राहुल गांधी की छवि में क्या सुधार होता है क्या भारतीय जनता पार्टी के द्वारा दिया गया पप्पू का टाइटल खत्म हो जाता है या फिर कांग्रेस फिर किसी नई यात्रा के बारे में विचार करेगी ।