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संयुक्त किसान मोर्चा की किसान-मजदूर महापंचायत को सफल बनाने की अपील

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4 मार्च 2024, नई दिल्ली

सकेएम ने लोकसभा चुनाव में उत्तरप्रदेश की खीरी सीट से लखीमपुर खीरी किसान नरसंहार के मुख्य साजिशकर्ता और मुख्य आरोपी के पिता अजय मिश्रा टेनी को मैदान में उतारने पर भाजपा की आलोचना की

विरोध स्वरूप पूरे भारत के गांवों में मशाल जुलूस निकालेंगे किसान : एसकेएम किसान-मजदूर महापंचायत में देगी अपनी प्रतिक्रिया

पीएम मोदी ने भारत को तानाशाही की ओर धकेला : कॉर्पोरेट-आपराधिक गठजोड़ में जकड़े मोदी राज का पर्दाफाश करो

  1. सभी किसानों से 14 मार्च 2024 को दिल्ली के रामलीला मैदान में होने वाली किसान-मजदूर महापंचायत को सफल बनाने की अपील

दूरस्थ राज्यों के किसान करेंगे ग्राम पदयात्रा, घर-घर अभियान और जिला/स्थानीय स्तर पर महापंचायत का आयोजन

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा 15वें बीआईईएफ, बेंगलुरु में फिल्म “किसान सत्याग्रह” पर प्रतिबंध लगाने की निंदा

एसकेएम ने किसानों से महिला संगठनों के समन्वय से 8 मार्च 2024 को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस में शामिल होने की अपील की

नई दिल्ली। एसकेएम ने लोकसभा चुनाव 2024 में उत्तर प्रदेश की खीरी सीट से जघन्य लखीमपुर खीरी किसान नरसंहार के मुख्य साजिशकर्ता और मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा टेनी के पिता अजय मिश्रा टेनी को मैदान में उतारने का विरोध करते हुए भाजपा की कड़ी निंदा की है। उल्लेखनीय है कि तीन कृषि अधिनियमों के खिलाफ और अन्य मांगों पर ऐतिहासिक संघर्ष के हिस्से के रूप में 3 अक्टूबर 2021 को किसानों के शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन पर किसानों पर वाहन चलाकर क्रूरतापूर्वक हमला किया गया था, जिसमें नक्षत्र सिंह, लवजीत सिंह, दलजीत सिंह, गुरविंदर सिंह और एक पत्रकार रमन कश्यप की मौत हो गई थी। किसान आंदोलन अजय मिश्रा टेनी को बर्खास्त करने और आईपीसी की धारा 102 के तहत मुकदमा चलाने और सजा सुनिश्चित करने की मांग कर रहा है, लेकिन मोदी सरकार इस पूरी अवधि के दौरान गृह राज्य मंत्री की रक्षा करती रही है। सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद ही मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा टेनी को गिरफ्तार किया गया और भाजपा की कुख्यात योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली राज्य सरकार द्वारा मुकदमा शुरू किया गया।

एक राजनीतिक दल के रूप में भाजपा द्वारा अजय मिश्रा टेनी को उम्मीदवार घोषित करने से साफ है कि यह पार्टी कॉर्पोरेट-आपराधिक गठजोड़ के दबाव में जकड़ी हुई है। भाजपा ने पिछले दस वर्षों में लोगों की आजीविका खत्म करने वाली कॉर्पोरेट नीतियों के खिलाफ किसानों, श्रमिकों, युवाओं, छात्रों के बड़े पैमाने पर विरोध को दबाने के लिए धन बल और बाहुबल का इस्तेमाल किया है। कॉर्पोरेट-भ्रष्टाचार धनबल का आधार है और असहमति को दबाने और संवैधानिक लोकतंत्र को कुचलने के लिए भाजपा कॉर्पोरेट प्रायोजित मीडिया का उपयोग कर रही है और प्रधानमंत्री मोदी के इर्द-गिर्द रची गई मायावी छवि के जरिए भारत को तानाशाही की ओर धकेलने के लिए आपराधिक तत्वों पर निर्भर है।

केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच और जनता के अन्य सभी वर्गों के जन संगठनों के साथ समन्वय के जरिए संयुक्त किसान मोर्चा किसानों और आम जनता को भाजपा द्वारा दी जा रही इस खुली चुनौती का सामना करेगा और 14 मार्च 2024 को रामलीला मैदान, नई दिल्ली में होने वाली किसान-मजदूर महा पंचायत में अपनी प्रतिक्रिया देगा।

एसकेएम ने किसानों से खीरी सीट पर टेनी की उम्मीदवारी के खिलाफ और मोदी राज के साथ कॉर्पोरेट-आपराधिक गठबंधन को उजागर करने के लिए पूरे भारत के गांवों में मशाल जुलूस आयोजित करने का आह्वान किया है। विरोध की तारीख एसकेएम की संबंधित राज्य समन्वय समितियों द्वारा तय की जाएगी।

एसकेएम ने नई दिल्ली के रामलीला मैदान में किसान- मजदूर महा पंचायत का आह्वान किया है और पूरे भारत के किसानों से शांतिपूर्ण और व्यापक भागीदारी के साथ इस कार्रवाई को ऐतिहासिक बनाने पर ध्यान केंद्रित करने की अपील की है। 14 मार्च 2024 से पहले दिल्ली में एसकेएम किसी अन्य कार्रवाई का आह्वान नहीं करेगा। निकटवर्ती राज्य पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्से रामलीला मैदान में बड़े पैमाने पर भाग लेंगे और दूर के अन्य राज्यों से छोटी भागीदारी होगी। सुदूर राज्यों की राज्य समन्वय समितियों ने इस दौरान पदयात्रा, घर-घर जनसंपर्क अभियान और जिला/तहसील स्तर पर महापंचायत की योजना बनाई है।

एसकेएम ने बेंगलुरु इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (बीआईएफएफ) के 15वें चैप्टर में केसरी हरवू द्वारा निर्देशित दिल्ली की सीमाओं पर वर्ष 2020-21 के ऐतिहासिक किसान संघर्ष पर बनी फिल्म ‘किसान सत्याग्रह’ पर केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा प्रतिबंध लगाने की कड़ी निंदा की है। संयुक्त किसान मोर्चा इसे भारत के संविधान में निहित अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और लोकतांत्रिक मूल्यों को नकारने वाला अधिनायकवादी कृत्य मानता है। एसकेएम मोदी सरकार से जल्द से जल्द इस प्रतिबंध को हटाने की मांग करता है।

एसकेएम ने पूरे भारत के किसानों से महिला संगठनों और अन्य जन संगठनों के साथ समन्वय करते हुए 8 मार्च 2024 को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाने की अपील की है। एसकेएम इस अवसर पर भारत की सभी महिला किसानों को बधाई देता है और महिलाओं की मुक्ति की दिशा में काम करने और महिलाओं के खिलाफ सभी प्रकार के अत्याचारों और भेदभाव से लड़ने के लिए अपना दृढ़ संकल्प व्यक्त करता है।

Rahul Tiwari
Author: Rahul Tiwari

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