बादल में खतरनाक बैक्टीरिया…..
दवाओं का भी नहीं होगा असर…..
जानें क्यों दी गई बारिश में नहीं भीगने की सलाह…..
एक्सपर्ट ने ऐसा बैक्टीरिया डिटेक्ट किया है जो ड्रग रेजिस्टेंट है. यह बैक्टीरिया क्लाउड वाटर में मिला है. साइंस ऑफ द टोटल एनवायरनमेंट जर्नल में पब्लिश एक रिसर्च के मुताबिक काले बादलों के पानी में ऐसे बैक्टीरिया मिले हैं जिन पर दवाओं का कोई असर नहीं होता है. इस वजह से विशेषज्ञों ने लोगों को बारिश में नहीं भीगने की सलाह दी है
बारिश का मौसम किसे पसंद नहीं. बारिश के बाद मौसम काफी खुशनुमा हो जाता है. लेकिन कभी-कभी बारिश बुरी खबर भी लेकर आती है. लेकिन आज हम आपको बारिश से लेकर एक ऐसी जानकारी बताने वाले है जिसे जानकर आपके होथ उड़ जाएंगे. दुनिया के कई इलाकों में काले बादलों को अशुभ माना जा रहा है. यह इसलिए क्योंकि एक रिसर्च में दावा किया गया है कि यह बादल ऐसे बैक्टीरिया के ट्रांसमिशन में मदद कर सकते हैं जिन पर दवाओं का कोई भी असर नहीं होता है. साइंस ऑफ द टोटल एनवायरनमेंट जर्नल में पब्लिश एक रिसर्च के मुताबिक शोधकर्ताओं ने इन बादलों के सैंपल में ऐसे बैक्टीरिया डिटेक्ट किए है जिनमें एंटीबायोटिक रेजिस्टेंट जीन मिले हैं.
फ्रांस और कनाडा के रिसर्च टीम का मानना है कि यह बादल अच्छे संकेत नहीं दे रहे है. रिसर्च के मेन राइटर का कहना है कि यह बैक्टीरिया आम तौर पर पत्तियों और मिट्टी की ऊपर सतह पर पाया जाता है. रिसर्च में बताया गया है कि यह खरतनाक बैक्टीरिया हवा के जरिए वायुमंडल में पहुंचते है. ये इस बादलों के जरिए दुनिया के किसी भी कोने में पहुंच सकते हैं.
क्लाउड वाटर में मिले बैक्टीरिया……….
एक रिपोर्ट के मुताबिक 2019-2021 के बीच मीड फ्रांस के पुए डे डोम समिट, दो एक स्लीपिंग ज्वालामुखी है, उसके ऊपर समुद्र तल से करीब 4 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित एक एट्मॉस्फियरिक रिसर्च स्टेशन से सैंपल लिए गए थे. इन सैंपल की जांच के बाद शोधकर्ताओं को पता चला था कि क्लाउड वाटर के हर मिलीलीटर में 300 से लेकर 30 हजार से भी ज्यादा बैक्टीरिया थे.
खुद को डेवलप कर लेते है बैक्टीरिया……..
एक्सपर्ट्स का कहना है कि दवाओं के संपर्क में आने के बाद बैक्टीरिया एक जनरेशन से दूसरे जनरेशन खुद को डेवलप कर लेते है जिससे वो ड्रग रेजिस्टेंट हो जाते हैं. इससे दवाओं के प्रति उनका रेजिस्टेंस बढ़ जाता है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि यह दुनिया भर में चिंता का विषय है. इसकी वजह से कुछ बैक्टीरियल इन्फेक्शन का इलाज करना कठिन होता जा रहा है. यहां तक की कुछ केस में ट्रीटमेंट नहीं के बराबर हो रहा है. इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि इलाज में एंटीबायोटिक्स का इस्तेमाल काफी बढ़ रहा है. इसकी वजह से इनमें ड्रग रेजिस्टेंस भी बढ़ रहा है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह बैक्टीरिया इंसानों के लिए काफी हानिकारक साबित हो सकते हैं .